सरकार की प्रधानमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना (PMFBY) गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सस्ते दामों पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए चलाई जाती है। लेकिन हाल ही में एक बड़ी खबर सामने आई है कि इस योजना से 29 लाख लोगों के नाम हटाए जाएंगे। यह फैसला क्यों लिया गया? क्या है इसके पीछे की वजह? आइए, विस्तार से जानते हैं।
खाद्य सुरक्षा योजना से नाम काटने का कारण
सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत यह फैसला लिया है। इसका मुख्य कारण है—गलत तरीके से पंजीकृत लाभार्थियों की पहचान करना। सरकार के अनुसार, कई ऐसे लोगों के नाम इस योजना में शामिल हैं जो वास्तव में इसके पात्र नहीं हैं।
मुख्य वजह:
- ग़ैर-जरूरतमंद लोगों का लाभ उठाना – कई ऐसे परिवार जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है, वे भी इस योजना का लाभ ले रहे हैं।
- डुप्लीकेट राशन कार्ड – कुछ लोगों के एक से अधिक राशन कार्ड बनाए गए हैं, जिससे सरकारी खजरे पर बोझ बढ़ रहा है।
- मृतकों के नाम पर राशन मिलना – कई मामलों में मर चुके लोगों के नाम अभी भी योजना में शामिल हैं।
- आधार लिंक न होना – कई लाभार्थियों ने अपने राशन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराया है, जिससे पारदर्शिता की कमी है।
किन राज्यों के लोगों के नाम हटेंगे?
यह कार्यवाही पूरे देश में की जा रही है, लेकिन कुछ राज्यों में ज्यादा नकली लाभार्थी पाए गए हैं। इनमें शामिल हैं:
- उत्तर प्रदेश
- बिहार
- पश्चिम बंगाल
- झारखंड
- मध्य प्रदेश
सरकार ने इन राज्यों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ग़ैर-पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार करें और उनके नाम योजना से हटाएं।
क्या असली जरूरतमंदों को नुकसान होगा?
सरकार का दावा है कि इस प्रक्रिया से केवल ग़ैर-जरूरतमंद लोगों के नाम हटेंगे, जबकि वास्तव में गरीब परिवारों को कोई नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा, जिन लोगों के नाम हटाए जाएंगे, उन्हें पहले एक सुनवाई का मौका दिया जाएगा। अगर वे साबित कर दें कि वे वास्तव में योजना के पात्र हैं, तो उनके नाम बहाल किए जा सकते हैं।
खाद्य सुरक्षा योजना क्या है?
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत यह योजना चलाई जाती है। इसके अंतर्गत:
- प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज (गेहूं ₹2/kg, चावल ₹3/kg) दिया जाता है।
- प्राथमिकता वाले परिवार (PHH) और अंत्योदय परिवार (AAY) को लाभ मिलता है।
- देश की लगभग 80 करोड़ आबादी को इसका लाभ मिलता है।
सरकार का लक्ष्य क्या है?
सरकार का मकसद है कि खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ सही लोगों तक पहुंचे। इसके लिए डिजिटल पहचान, आधार लिंकिंग और नियमित सत्यापन जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। इससे:
✔ भ्रष्टाचार कम होगा
✔ सरकारी खजरे की बचत होगी
✔ वास्तविक गरीबों को बेहतर सुविधा मिलेगी
निष्कर्ष
खाद्य सुरक्षा योजना से 29 लाख लोगों के नाम हटाने का फैसला सरकार ने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लिया है। इससे योजना का लाभ सही लोगों तक पहुंचेगा और सरकारी संसाधनों का सही उपयोग होगा। हालांकि, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वास्तविक जरूरतमंदों को कोई नुकसान न हो।
अगर आप या आपके जानने वाले किसी का नाम इस योजना में शामिल है, तो आधार लिंकिंग और दस्तावेज़ सत्यापन जरूर करवाएं ताकि आपको लाभ मिलता रहे।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. खाद्य सुरक्षा योजना से नाम कैसे चेक करें?
➔ आप https://nfsa.gov.in पर जाकर अपना नाम और राशन कार्ड नंबर डालकर स्टेटस चेक कर सकते हैं।
Q2. अगर मेरा नाम गलती से हट गया तो क्या करूँ?
➔ आप अपने जिला खाद्य अधिकारी से संपर्क करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
Q3. क्या आधार कार्ड लिंक करना अनिवार्य है?
➔ हाँ, अब आधार-राशन कार्ड लिंकिंग अनिवार्य है, नहीं तो नाम हटाया जा सकता है।
Q4. नए लाभार्थी कैसे जोड़े जा सकते हैं?
➔ नए आवेदन के लिए राशन डीलर या ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर आवेदन करना होगा।